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Originally Posted by soni pushpa
दोस्तों , और मेरे सभी पाठको से अनुरोध है की आप इस बहस में अवश्य भाग लें ... जैसे की आज के जीवन की अहम् चीज़ है पैसा और जीवन के लिए प्रेम उतना ही जरुरी है तो आज दुनिया में भगवान क्यों बना बैठा है पैसा . आज अच्छे से अछे रिश्ते पैसे की बात आते ही क्यों बिगड़ जाते है? इन्सान का प्रेम एकतरफ धरा का धरा रह जाता है. और प्यार bhai-- bhai का हो या बाप बेटे का हो या दोस्त से दोस्त का हो खास करके इस तीनो रिश्तों में पैसे को बहुत ज्यदा बीच में आते देखा है . अब कई बार मेरे मन में बहुत द्वन्द हुआ करता है की क्या अधिक महत्व रखता है इंसानी जीवन में प्यार या पैसा? .
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सोनीजी प्यार या पैसा दोनों में से कौन महत्व अधिक रखता है और कौन कम ये पुर्णत: व्यक्ति की सोच पर निर्भर करता है !! विशेषकर आपने जीन तीन रिश्तों की बात की उसमें !!
व्यक्ति के जन्म के बाद उसका पारिवारिक माहोल, स्थितियां, माँ—बाप द्वारा दिये गये संस्कार आदि सभी उस व्यक्ति के व्यक्तित्व को बनाते है किवह किन चिजों को अपने जीवन में मौल देता है !!
मैने अपने आस—पास इन दोनों ही वैरायटी को देखा है और जो प्रश्न आपने उठाये वही प्रश्ननों के सन्दर्भ में उनको पुरी तरह टटोला भी है ! कुल मिला के जो रिजल्ट सामने आया उसमें 95 प्रतिशत भुमिका उपर लिखी बातो से बनती है और 5 प्रतिशत जन्मजात स्वभाव के कारण होता है !