Re: भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
भगवान दत्तात्रेय और उनके 24 गुरु
कुरर पक्षी- कुरर पक्षी से
सीखना चाहिए कि चीजों को पास में रखने
की सोच छोड़ देना चाहिए। कुरर
पक्षी मांस के टुकड़े को चोंच में दबाए रहता है,
लेकिन उसे खाता है। जब दूसरे बलवान पक्षी उस
मांस के टुकड़े को देखते हैं तो वे कुरर से उसे छिन लेते हैं। मांस
का टुकड़ा छोड़ने के बाद ही कुरर
को शांति मिलती है।
बालक- छोटे बच्चे से सीखा कि हमेशा चिंतामुक्त और
प्रसन्न रहना चाहिए।
आग- आग से दत्तात्रेय ने सीखा कि कैसे
भी हालात हों, हमें उन हालातों में ढल जाना चाहिए।
जिस प्रकार आग अलग-अलग लकडिय़ों के बीच
रहने के बाद भी एक
जैसी ही नजर आती है।
चन्द्रमा- आत्मा लाभ-हानि से परे है। वैसे ही जैसे
घटने-बढऩे से भी चंद्रमा की चमक और
शीतलता बदलती नहीं है,
हमेशा एक-जैसे रहती है।
आत्मा भी किसी भी प्रकार
के लाभ-हानि से बदलती नहीं है।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
|