ऑनलाइन आर्डर
प्रेमिका नहीं है कहकर हमने इस मंच पर अपनी फाइनल रिपोर्ट लगाई ही थी कि तभी हमें याद आया- हमें सुबह-सुबह एक अननोन नम्बर से हमारे पब्लिक नम्बर पर एक-दो नहीं पाँच मिस कॉल मिली थी जिसे हमने इग्नोर कर दिया था। हो सकता था- कोई भूली-बिसरी प्रेमिका वैलेंटाइन डे के दिन हमें याद कर रही हो? मैसेज भेजकर हमने कॉलर को कन्फर्म करना चाहा किन्तु कॉलर ने कोई रिस्पांस नहीं दिया। शाम को हमने उस अननोन नम्बर पर कॉल किया। न करते तो रात में सिरदर्द की गोली खानी पड़ती। कॉलर एक महिला थी। पहले बोली- ''हमने कॉल नहीं किया।'' हमारे याद दिलाने पर फिर बोली- ''हाँ, याद आया- हमारी लाइट ख़राब हो गई है। बनाना है।'' पहले तो हमें ताज्जुब हुआ कि हम इलेक्ट्रिशियन कैसे और कब बने? फिर एकाएक याद आया- इस मंच पर हमने अपने सूत्र 'तर्क-वितर्क' में लिखा था कि कुछ लोग हमें सिर्फ़ इस बात के लिए देश का बहुत बड़ा वैज्ञानिक समझते हैं, क्योंकि हम बिजली के होल्डर में बल्ब लगा लेते हैं। सोचकर मैं हँसने लगा तो फ़ोन काट दिया गया। देखा आपने- मंच पर सूत्र लिखने से फटाफट ऑनलाइन आर्डर मिलने लगा! अब ये मत पूछिए- हमारा पब्लिक नम्बर लीक कैसे हुआ?
|