Re: आक्षेप का पटाक्षेप
१. ब्रह्म पुराण, 101-105 के अनुसार- ‘’सोम की प्राप्ति पहले गंधर्वों को हुई। देवताओं ने जाना तो सोम प्राप्त करने के उपाय सोचने लगे। सरस्वती ने कहा—“गंधर्व स्त्री-प्रेमी हैं, उनसे मेरे विनिमय में सोम ले लो। मैं फिर चतुराई से तुम्हारे पास आ जाऊँगी।’’ देवगिरि पर यज्ञ करके देवताओं ने वैसा ही किया। गंधर्वों के पास न तो सोम ही रहा, न ही सरस्वती।‘’
उपरोक्त अनुच्छेद से स्पष्ट है- देवता मद्यपान करते थे।
|