Re: गधा माँगे इन्साफ़
नारद ने कहा- ’गधे के पास सींग नहीं तो क्या हुआ? पीछे के दो पैर तो हैं। भगवन्, आप मेरा ब्रेन-वाश करने की कोशिश न कीजिए। गधे के बारे में जब-तब बहुत शिकायतें मिला करती हैं। गधा जब देखो दुलत्ती मार देता है। इसलिए गधा देव-वाहनों में सबसे अधिक खतरनाक है। मुझे नहीं खानी गधे की दुंलत्ती।’
भगवान् विष्णु ने नारद की शंका को दूर करते हुए कहा- ’नारद मुनि, यह आपका भ्रम है। गधा खतरनाक जानवर बिल्कुल नहीं है। यह आपसे किसने कह दिया- गधा जब-तब हर किसी को बिना कारण दुलत्ती मारता रहता है? जिन लोगों ने आपसे गधे की शिकायत की, क्या उन लोगों ने आपसे बताया कि उन्होंने गधे के साथ क्या हरकत की थी? गधे को बोना फ़ाइड गधा और सीधा-सादा जानवर समझकर जब कोई गधे को बहुत परेशान करता है और पानी गधे के सिर से गुज़रने लगता है तब कहीं जाकर गधा दुलत्ती मारता है। गधा आपका अपना वाहन रहेगा तो वह आपको दुलत्ती क्यों मारेगा? और फिर आपको गधे से इतना भयभीत होने की कोई ज़रूरत नहीं है। आप हथियार की तरह भारी-भरकम वीणा हमेशा साथ रखते है। गधा ज़रा भी बदमाशी करे तो वीणा से गधे को जमकर पीट दीजिएगा। गधे का दिमाग़ ठिकाने आ जाएगा।’
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