Re: पता नहीं बेटा
सबसे पहले इतना अच्छा सूत्र शुरू करने के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीय रजनीश जी ,...कई कटाक्ष के साथ सुन्दर व्यंग से भरी कहानियां हैं सब, जिससे नेताओं के बारे में, गरीबी के बारे में, और साधू संतो के कथन को लेकर अछि चर्चा हो गई. छोटी कहानिया मन को छू जाने वाली हैं .. आपने गागर में सागर वाली कहावत को यहाँ साबित किया है .
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