Re: नवजोत सिंह सिद्धू: एक व्यक्तित्व
खेलों से जुड़े व्यक्तित्व/ नवजोत सिंह सिद्धू
अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत में नवजोत सिंह सिद्धू का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था और इसीलिए दो टेस्ट मैच खिलाने के बाद ही उन्हें टीम इंडिया से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया. लेकिन 20 साल के सिद्धू ने हार नहीं मानी. घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बूते उन्होंने एक बार फिर टीम इंडिया में वापसी की. और इस बार सिद्धू ने अपने बल्ले से ये साबित भी किया कि वह लंबी रेस के घोड़े हैं. 1987 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में नवजोत सिंह सिद्धू ने 5 मैचों में 4 अर्ध शतक जमाए थे.
वेस्ट इंडीज के खिलाफ सिद्धू की 201 रनों की शानदार पारी को क्रिकेट प्रेमी आज भी भुला नहीं सके हैं. 16 साल के क्रिकेट करियर के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू का बल्ला टेस्ट मैचों में ही नहीं बल्कि वनडे मैचों में भी लगातार रन उगलता रहा. स्पिनरों की गेंदों पर छक्कों की बरसात करने वाले सिद्धू क्रिकेट प्रेमियों के बीच सिक्सर सिद्धू के नाम से भी मशहूर हुए. जनवरी 1999 में अपना आखिरी टेस्ट खेलने वाले सिद्धू के खाते में 51 टेस्ट और 136 वनडे दर्ज है. सिद्धू ने वनडे में 6 शतक और 33 अर्धशतक जड़ते हुए 37 की औसत से 4413 रन बनाए हैं. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में भी दमदार प्रदर्शन किया और पंजाब रणजी टीम की कप्तानी भी की थी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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