मुझे बन जाने दो, या बिखर जाने दो,
या मिट जाने दो, या निखर जाने दो।
होगा एतबार ईस नशेमन पर भी,
एक तुफान यहां से गुज़र जाने दो।
बहुत राह देखी, तब समझा हूं मैं...
नहीं लौटता वक्त, अगर जाने दो!
बेईन्तहा रहा है, बेईन्तहा सहा है,
अगर ईश्क नशा है, उतर जाने दो!
मुझे जाल में ईतना न उलझाओ,
झुल्फें संवारो दो, या बिखर जाने दो।
सपनें दिखा दिखा, पागल किया मुझे,
चोट भी दे दी, अब सुधर जाने दो!
(दीप १.४.१५)