Re: तेरे रंग
बहुत सुुन्दर कविता, सोनी पुष्पा जी। भावनाओं की बेहतरीन अभिव्यक्ति जैसे कविता में ठूँस-ठूँस कर भरी गई है। पढकर दिल प्रसन्न हो गया। इतनी बेहतरीन कविता पहले कभी नहीं पढी। बडी उम्मीद थी कि हमारी आगामी रचना 'हिचकॉक के चमचे' के बाद ही आपकी कोई रचना आएगी, किन्तु इस बार तो आपने बाजी मार दी, पहले रिलीज़ करके। हार्दिक बधाईयाँ।
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