सुर्य की दुरी
युग सहस्त्र जोजन पर भानु।
लिओ ताही मधुर फल जानु ।।
हनुमान चालीसा में कहा गया है की हनुमान जीसे फल समझ कर खाने की लालसा कर बैठे वह सुर्य पृथ्वी से एक युग सहस्त्र दुरी पर है!
१ युग = १२०० वर्ष
१००० युग = १२००००० वर्ष
१ योजन = ८ माईल
यानी १५३६००००० किलोमीटर! जो वास्तविक (जो उपकरणों की मदद से वैज्ञानिकों के द्वारा ढुंढी गई) से सिर्फ १% अलग है!