Originally Posted by rajnish manga
आखिर क्या है जिंदगी ??
साभार: संजय कुमार
कभी धूप , कभी छाँवहैजिंदगी
कभी सुबह तो कभी शाम हैजिंदगी !
कभी गम तो कभी ख़ुशी
कभी मायूस तो कभी हंसी है जिंदगी !
कभी उमंग , कभी तरंग
कभी सपना , तो कभी बोझ है जिंदगी !
कभी धर्म ,तो कभी मजहब
कभी हिन्दू , तो कभी मुसलमां है जिंदगी !
कभी आश , कभी निराश
कभी हास, तो कभी परिहास है जिंदगी !
कभी भोली, कभी मासूम
कभी बच्चा, तो कभी जवाँ है जिंदगी !
कभी स्थिर, कभी भागम-भाग
" जीवन की आपाधापी"है जिंदगी !
कभी बीमारी, कभीउपचार
कभी लाभ-हानि, तो कभी व्यापार हैजिंदगी !
कभी खौफ, कभीनिडर
कभी भयभीत है जिंदगी !
कभी धोखेबाज, कभी प्रताड़ित
कभी क़ैद, तो कभी " आज़ाद "है जिंदगी !
कभी सूनी, कभी बेरंग
कभी बेनूर,तोकभी रंगीन हैजिंदगी !
कभी ईमान, कभी बेईमान
कभी सच, कभी झूंठ
कभी घोटाला,तो कभी भ्रष्टाचार है जिंदगी !
कभी सफलता, कभी ठोकर
कभी गिरना, तो कभी चढ़ना है जिंदगी !
कभी खूंन, कभी पानी
कभीइंसानियत, तो कभी शर्मसार है जिंदगी !
कभीअपनी, तोकभी परायी
कभी प्यार, कभीजंग
कभी " सच"तो कभी " शक "है जिंदगी !
कभी त्याग, कभीसमर्पण
कभी जुदाई, तो कभी अपनापन है जिंदगी !
कभी जिम्मेदार, कभीलापरवाह
कभी दायित्व, तो कभी साधारण हैजिंदगी !
कभी खुली किताब
कभी अन सुलझी पहेली है जिंदगी !
आख़िर क्या है ज़िन्दगी??
आख़िर क्या है मुकाम ज़िन्दगी का ??
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