18-07-2015, 10:23 AM
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
संगीतकार नौशाद के बारे में
1944 में प्रदर्शित फिल्म “रतन” ने नौशाद को रातों-रात स्टार बना दिया था और उन्हें देशव्यापी ख्याति प्राप्त हुयी. मात्र 75 हजार रूपए में केवल 3 माह में तैयार हुई इस फिल्म के गीतों ने ज़बरदस्त हंगामा मचा दिया था. लेकिन उनके घर वालों को भी नहीं पता था कि नौशाद फिल्मों में संगीत दे रहे हैं. नौशाद जब अपने विवाह के लिए गए और बारात निकली तो बाजे वाले फिल्म रतन के गानों की धुनें बजा रहे थे. नौशाद अपने पिता और ससुर से नहीं कह पाये कि इन गीतों के संगीतकार वे स्वयं हैं. उन्होंने घर पर यही बताया था कि वे बम्बई में टेलर मास्टर हैं. नौशाद बताते थे कि उस ज़माने में संगीतकार की बजाये टेलर मास्टर की कीमत कहीं ज्यादा थी.
नौशाद बताया करते थे कि बिहार की जेल में मौत की सज़ा पा चुके एक कैदी से पूछा गया, “कल तुम्हें फांसी की सजा दी जायेगी. तुम्हारी कोई अंतिम इच्छा है?” हाँ, मुझे फाँसी देने के वक़्त फिल्म बैजू बावरा का गीत “ओ दुनिया के रखवाले.... बजाया जाये और जब उसमें ‘जीवन अपना वापस ले ले, जीवन देने वाले’ पंक्ति आएगी तो मुझे फाँसी दे देना.”
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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