Re: एक निर्मल हृदय
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Originally Posted by soni pushpa
गागर में सागर ... इन चार पंक्तियों में बहुत कुछ कह डाला आपने भाई ज़माने के वर्तमान समय का आइना है आपकी ये कविता ..
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आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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