Re: साहित्यकारों के विनोद प्रसंग
मशहूर उर्दू शायर मज़ाज के जीवन से जुड़े कुछ विनोद प्रसंग
मजाज कॉफ़ी हाउस में अकेले बैठे हुए थे. एक साहब जो मजाज से परिचित नहीं थे उनके साथ वाली कुर्सी पर बैठ गए और कॉफ़ी का आर्डर दे कर अपनी बेसुरी आवाज में गुनगुनाने लगे, “अहमकों की कमीं नहीं ग़ालिब, एक ढूँढो, हज़ार मिलते हैं.”
मजाज उनकी तरफ देखते हुए बोले, “ढूँढने की नौबत ही कहाँ आती है हज़रत. वो तो खुद-ब-खुद चले आते हैं.”
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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