03-11-2015, 08:22 PM
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#1155
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Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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Originally Posted by rajnish manga
दीपकमय कर डाला जब
जल कर पतंग ने जीवन
सीखा बालक मेघों ने
नभ के आँगन में रोदन
(महादेवी वर्मा)
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निगहे - लुत्फ़ से जो मिलती है,
हाय वो जिन्दगी नहीं मिलती।
यूँ तो मिलन को मिल गया है ख़ुदा,
पर तेरी दोस्ती नहीं मिलती।
( फ़िराक़ गोरखपुरी )
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