Re: अहोई
संतान सम्बन्धित व्रत होते हुए भी इस व्रत को सभी लोगों द्वारा मनाने का रिवाज प्रचलित नहीं है। अहोई पर्व पर किये गए शोध के उपरान्त हमारी जानकारी में आया है कि इस पर्व को विशेषतः खत्री समुदाय द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। खत्रियों में भी दो अलग समुदाय हैं- पूर्वी खत्री और पश्चिमी खत्री। इस पर्व को पश्चिमी खत्री मनाते हैं, पूर्वी खत्री नहीं। सुनने में आया है कि पश्चिमी की तर्ज़ पर अब पूर्वी भी इस पर्व को मनाने लगे हैं।
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