View Single Post
Old 29-11-2015, 08:57 AM   #1
आकाश महेशपुरी
Diligent Member
 
आकाश महेशपुरी's Avatar
 
Join Date: May 2013
Location: कुशीनगर, यू पी
Posts: 921
Rep Power: 24
आकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud of
Send a message via AIM to आकाश महेशपुरी
Default भोजपुरी कविता

रहे इहाँ जब छोटकी रेल
_____________________________
देखल जा खूब ठेलम ठेल
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
चढ़े लोग जत्था के जत्था
छूटे सगरी देहि के बत्था
चेन पुलिग के रहे जमाना
रुके ट्रेन तब कहाँ कहाँ ना
डब्बा डब्बा लोगवा धावे
टिकट कहाँ केहू कटवावे
कटवावे उ होई महाने
बाकी सब के रामे जाने
जँगला से सइकिल लटका के
बइठे लोग छते पर जा के
रे बाप रे देखनी लीला
चढ़ल रहे ऊ ले के पीला
छतवे पर कुछ लोग पटा के
चलत रहे केहू अङ्हुआ के
छते पर के ऊ चढ़वैइया
साइत बारे के पढ़वइया
दउरे डब्बा से डब्बा पर
ना लागे ओके तनिको डर
कि बनल रहे लइकन के खेल
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
भितरो तनिक रहे ना सासत
केहू छींके केहू खासत
केहू सब केहू के ठेलत
सभे रहे तब सबके झेलत
ऊपर से जूता लटका के
बरचा पर बइठे लो जाके
जूता के बदबू से भाई
कि जात रहे सभे अगुताई
ट्रेने में ऊ फेरी वाला
खुलाहा मुँह रहे ना ताला
पान खाइ गाड़ी में थूकल
कहाँ भुलाता बीड़ी धूकल
दारूबाजन के हंगामा
पूर्णविराम ना रहे कामा
पंखा बन्द रहे आ टूटल
शौचालय के पानी रूठल
असली होखे भीड़ भड़ाका
इस्टेशन जब रूके चाका
पीछे से धाका पर धाका
इस्टेशन जब रूके चाका
कि लागे जइसे परल डाका
इस्टेशन जब रूके चाका
ना पास रहे ना रहे फेल
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
बड़की के अब बात सुनाता
देखअ कि केतना सुधियाता

कविता- आकाश महेशपुरी
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
पता-
वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी'
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
मोबाईल- 9919080399
आकाश महेशपुरी is offline   Reply With Quote