सूरत के डायमन्ड मर्चन्ट के दिवाली बोनस वाली बात तो सबको पता ही होगी। ईस बार सुरत के ही एक गृपने बिना बाप की १५१ हिन्दू-मुस्लिम लडकीयों का विवाह संपन्न किया।
'संवेदना एक दीकरी नी' नाम के ईस प्रोग्राम को पी.पी. सवाणी और गृपने आयोजित किया था। एक तरफ अनामत आंदोलन, असहिष्णुता, आतंकवाद वगैरह से देश त्रस्त है लेकिन फिर भी एसे कुछ प्रयोग...रेगिस्तान धूप में मीठे झरने का एहसास करवाता है!