[QUOTE=rajnish manga;557507]
Quote:
Originally Posted by आकाश महेशपुरी
ये स्वप्न मेरे' स्वप्न हैं' फलते कभी नहीं।
बंजर में' जैसै' फूल निकलते कभी नहीं।।
उपदेश दे रहे हैं' हमें रोज क्या कहें,
सच्चाइयों की' राह जो' चलते कभी नहीं।
....
गीतिका- आकाश महेशपुरी
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
उक्त ग़ज़लनुमां गीतिका पढ़ कर आनंद मिला. इसके हर शे'र में आपने ज़िंदगी का फ़लसफ़ा भर दिया है जैसे. धन्यवाद, आकाश जी.
|
आदरणीय अत्यंत आभार!
महोदय, हिन्दी ग़ज़ल ही गीतिका है। कई विद्वानों द्वारा हिन्दी ग़ज़ल को गीतिका नाम से लिखा जा रहा है| सादर!🙏