Re: फड़णवीस जी के नाम खुला पत्र
क्या आपने कभी प्रधानमंत्री को यह कहते सुना है कि जो नहीं बोलेगा उसे लाठी से मारेंगे, देश में नहीं रहने देंगे। आपकी बातों से लगता है कि आप अंत तक प्रधानमंत्री का भाषण नहीं सुनते हैं या तो मंच से उतर कर चले जाते हैं या आपका ध्यान कहीं और होता है। उम्मीद है आप मेरे पत्र का जवाब देंगे, जो बोलना चाहते हैं उनके लिए उचित व्यवस्था करेंगे। सारा ध्यान नहीं बोलने वाले पर ही क्यों लगा रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप न बोलने वाले को सज़ा देने में ही बिज़ी रहें और बोलने वाले को इनाम देना भूल जायें।
आपके राज्य और उसकी भाषा से प्यार करने वाला एक नागरिक..
रवीश कुमार
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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