Re: Pyari maa
बहुत कोमल व मधुर उद्गार. माँ को समर्पित आपकी इस कविता में यद्यपि माँ के प्रभावशाली व्यक्तित्व को उजागर किया गया है, यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि माँ की सम्पूर्णता को बयान कर पाना किसी भी व्यक्ति के लिये भी संभव नहीं है. उक्त कविता के लिये धन्यवाद, शिखा जी.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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