मेरा सुंदर सपना तुट गया, गुब्बारा फुलाया, फुट गया!
मेरा सुंदर सपना तुट गया, मेरा सुंदर सपना तुट गया!
जब हाथ चवन्नी आई थी, गोलेवाला आया ही नहीं,
जब आया तो मेरे वाला...रंग 'हरा' लाया ही नहीं!
जिस दिन मुझे वह रंग मिला, गोला हाथों से छूट गया....
मेरा सुंदर सपना तुट गया, मेरा सुंदर सपना तुट गया!
मुश्किल तो पतंग उडाना था, मुझे दौड के थक जाना था,
गलती से ही वह पतंग उड़ी, खुशियों का नहीं ठिकाना था...
फिर डोर तुटी मेरे हाथों से, पतंग कोई दुजा लूट गया!
मेरा सुंदर सपना तुट गया, मेरा सुंदर सपना तुट गया!
किताबों की अलमारी थी, पढ-पढ दोपहरी गुज़ारी थी,
सोचा कुछ धंधा हो जाए, किताबें दी उधारी थी....
भाड़ा मांगा जो किताबों का, हर दोस्त मुझ से रुठ गया!
मेरा सुंदर सपना तुट गया, मेरा सुंदर सपना तुट गया!