Re: प्रेरक लघु कथायें
‘मैं इसे मंदिर में लगवाऊंगा….भगवान की मूर्ति के ठीक नीचे.’ उनमें से एक बोला.
‘नहीं, यह मस्जिद में ही ज्यादा जंचेगा. खूबसूरत चीजें अल्लाह के करीब होंतो वे अनमोल बन जाती हैं.’ दूसरे ने बात काटी. उसके बाद दोनों अपनी-अपनीजिद पर अड़ गए. धर्मांधता की आंधी चली, जिसमें उनकी सालों पुरानी दोस्तीबहती चली गई. नफरत का ज्वार दोनों की जान लेकर ही माना.’ कहकर कुत्ता कुछदेर के लिए चुप हुआ, फिर बोला—
‘लड़ते-झगड़ते तो हम भी है. परंतु मामूली-सी बात पर किसी की जान तो नहीं लेते.’
‘तुम ठीक कहते हो जी. आदमी इतराता रहे अपनी उपलब्धियों और आविष्कारोंपर….हम तो कुत्ते ही भले.’ कुतिया ने कहा और बच्चों को अपनी अंक में समेटलिया.
(internet se)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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