Re: Babumoshay Bandookbaaz
Babumoshay Bandookbaaz बाबू मोशाय बंदूकबाज
कहानी आगे बढ़ती है और इस खेल में बदमाशों, नेताओं के साथ ही पुलिस भी शामिल होती है। सबके अपने-अपने हित हैं। लेकिन फिल्म में सिर्फ गोली, गाली और बोली नहीं है। बाबू अपनी गर्लफ्रेंड फुलवा के साथ मजे में रह रहा होता है। लेकिन बांके की उस पर नजर पड़ती है और वह भी फुलवा की तरफ आकर्षित हो जाता है। जाहिर है कहानी है नया ट्विस्ट आता है।
फिल्म का स्क्रीनप्ले कुछ कमजोर है। हालांकि, बावजूद इसके कुशान नंदी ने अच्छी फिल्म बनाई है। गालिब असद भोपाली ने गुंडो की भाषा को बखूबी फिल्म में शामिल किया है। बदमाशों का अपना शब्दकोष होता है। एक्टिंग की बात करें तो नवाजुद्दीन का एक खतरनाक हत्यारे से प्रेमी में बदलना देखने लायक है। जतिन ने भी अपने किरदार से प्रभावित किया है। उनकी आवाज स्क्रीन अपील को बढ़ाती है। बिदिता इस फिल्म की सबसे बड़ी खोज है। दिव्या दत्ता भी अपने काम से प्रभावित करती हैं।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 27-09-2017 at 02:17 PM.
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