Re: बॉलीवुड शख्सियत
राज कपूर / Raj Kapoor
पचास के दशक में ही उन्होने कुछ फिल्मों में चार्ली चैप्लिन से प्रेरित अदायें भी शामिल करके अपनी अदाकारी दिखायी, पर वे अपने ही द्वारा बनायी गयी छवि को तोड़ते भी रहे। शुरु से ही उनकी फिल्मों को देखने वाले दर्शकों को मुश्किल से ही ऐसा लगा होगा कि वे जागते रहो में एक गरीब मजदूर किस्म के देहाती व्यक्ति का पात्र निभा ले जायेंगे या कुछ बरसों बाद वे रेणु की कहानी पर बनी तीसरी कसम में एक निपट देहाती बैलगाड़ी हाँकने वाले का चरित्र ढ़ंग से निभा पायेंगे पर उन्होने दोनों ही फिल्मों में बेहतरीन अदाकारी का प्रदर्शन करके दिखा दिया।
सत्तर और अस्सी के दशक में भी उन्होने जहाँ एक ओर दो जासूस, वकील बाबू और गोपीचन्द जासूस जैसी कुछ कॉमेडी फिल्में की वहीं खान दोस्त और अब्दुल्लाह में संवेदनशील चरित्र निभाये।
अभिनेता के रुप में श्री 420 को राज कपूर की सिग्नेचर फिल्म कहा जा सकता है। इस फिल्म में उनका चार्ली चैप्लिन वाला रुप भी है और एक संजीदा अभिनय करने वाले एक ज़हीन अभिनेता का भी।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 12-10-2017 at 06:01 PM.
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