Re: मुहावरों की कहानी
हिसाब ज्यों का त्यों,आखिर कुनबा डूबा क्यों?
किस्सा कुछ इस प्रकार है कि एक पटवारी साहब अच्छे ऊंचे-पूरे कद के थे और उनके साथ तीन-तीन छोटे बच्चे थे, पटवारी जी को एक नदी पार करनी थी, उन्होंने नदी की गहराई नापी, अपना और बच्चों के कद का हिसाब जोड़ा, औसत लगाया गुणा-भाग कर समाधान निकाला और निकल पड़े नदी पार करने, नदी के दूसरे किनारे पर पहुंचे तो देखा कि पीछे एक बच्चा दिखाई नहीं दे रहा उसने बार-बार हिसाब लगाया, सोचा-विचारा, सिर खुजाया पर बच्चों के डूबने का कारण समझ न पाया और झल्ला कर बोल पड़ा ‘हिसाब ज्यों का त्यों, आखिर कुनबा डूबा क्यों?
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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