Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (5 January)
सी रामचंद्र (संगीतकार)/ C Ramchandra
सी रामचंद्र उर्फ़ रामचंद्र नरहर चितलकर पिछली सदी के पांचवे और छठे दशक के बेहद सुरीले संगीत निदेशक थे। उन्हें वह यश नहीं मिला, जिसके वे हक़दार थे। 1942 में फिल्म 'सुखी जीवन' से अपनी संगीत यात्रा शुरू करने वाले इस संगीतकार ने 100 से ज्यादा हिंदी, मराठी, तमिल और तेलगू फिल्मों को अपने संगीत से संवारा था। उनकी प्रमुख हिंदी फ़िल्में थीं - अलबेला, आज़ाद, अनारकली, साक़ी, नास्तिक, पैग़ाम, इंसानियत, देवता, पहली झलक, नदिया के पार, शारदा, बारिश, अमरदीप, आशा, तलाक़, स्त्री, सरगम, सगाई, नवरंग और राजतिलक। सी रामचंद्र ने दर्जनों यादगार फ़िल्में और गीत दिए. उनके संगीतबद्ध किये हुये कुछ गीत इस प्रकार हैं:
ये जिंदगी उसी की है जो किसी का हो गया,
दुआ कर गमे दिल खुदा से दुआ कर,
इंसान का इंसान से हो भाईचारा यही पैगाम हमारा,
देख हमें आवाज़ न देना ओ बेदर्द ज़माने,
मेरे पिया गए रंगून किया है वहां से टेलीफून,
आना मेरी जान मेरी जान संडे के संडे,
कितना हसीं है मौसम कितना हसीं सफ़र है,
धीरे से आजा रे अंखियन में निंदिया आजा रे आजा
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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