Re: पंचतत्व सृष्टि बनी
पंचतत्व सृष्टि बनी
अग्नि (The Fire)
सूर्य तथा मंगल अग्नि प्रधान ग्रह होने से अग्नि तत्व के स्वामी ग्रह माने गए हैं. अग्नि का कारकत्व रुप है. इसका अधिकार क्षेत्र जीवन शक्ति है. इस तत्व की धातु पित्त है. हम्सभी जानते हैं कि सूर्य की अग्नि से ही धरती पर जीवन संभव है. यदि सूर्य नहीं होगा तो चारों ओर सिवाय अंधकार के कुछ नहीं होगा और मानव जीवन की तो कल्पना ही नहीं की जा सकती है. सूर्य पर जलने वाली अग्नि सभी ग्रहों को ऊर्जा तथा प्रकाश देती है. इसी अग्नि के प्रभाव से पृथ्वी पर रहने वाले जीवों के जीवन के अनुकूल परिस्थितियाँ बनती हैं. शब्द तथा स्पर्श के साथ रुप को भी अग्नि का गुण माना जाता है. रुप का संबंध नेत्रों से माना गया है. ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत अग्नि तत्व है. सभी प्रकार की ऊर्जा चाहे वह सौर ऊर्जा हो या आणविक ऊर्जा हो या ऊष्मा ऊर्जा हो सभी का आधार अग्नि ही है. अग्नि के देवता सूर्य अथवा अग्नि को ही माना गया है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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