Re: हिंदी नाटक (Hindi Natak)
हिंदी नाटक (Hindi Natak)
4. आषाढ़ का एक दिन – मोहन राकेश
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कलाकार अथवा रचनाकार के सामने सृजन या सत्ता में से किसी एक को चुनने का प्रश्न और फिर उसकी परिणति – यह एक ऐसा कथ्य था जिसने सभी रंगकर्मियों को झकझोर कर रख दिया.
शायद ही कोई निर्देशक या कोई रंगमंडली होगी जिसने इस नाटक को न खेला हो. यथार्थवाद का भारतीय स्वरूप क्या होना चाहिए, ‘आषाढ़ का एक दिन’ उसका सबसे अच्छा उदाहरण है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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