Re: महाभारत में वर्णित कुछ श्राप
महाभारत में वर्णित कुछ श्राप
ऋषि शमिक के पुत्र द्वारा राजा परीक्षित को श्राप
जब पांडव स्वर्ग लोक की और प्रस्थान करने लगे तो उन्होंने अपना सम्पूर्ण राज्य अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित के हाथों में सौंप दिया। परीक्षित एक अच्छे राजा थे। उनके शासन काल में प्रजा भी खुश तथा सुखी थी। एक बार राजा परीक्षित का आखेट खेलने का मन हुआ। इसलिए आखेट खेलने के उद्देश्य से वह वन में गये। वहां उन्होंने देखा कि शमीक नाम के ऋषि तपस्या में लीन हैं तथा मौन व्रत धारण किये हुए हैं। राजा ने उनसे बात करनी चाही। परन्तु ऋषि ने कोई जवाब नही दिया। इस बात से राजा परीक्षित को बहुत क्रोध आ गया तथा उन्होंने ऋषि के गले में मरा हुआ सांप डाल दिया। जब ऋषि शमिक के पुत्र को यह बात पता चली तो उसने राजा परीक्षित को श्राप दे दिया कि सात दिन बाद राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग के डसने से हो जाएगी। कलयुग को राजा परीक्षित का भय था। इसलिए वह धरती पर हावी नही हो रहा था। परन्तु इस श्राप के कारण राजा परीक्षित की मृत्यु हो गयी और उनकी मृत्यु के पश्चात् ही कलयुग पूरी पृथ्वी पर हावी हो गया।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 01-10-2018 at 11:13 PM.
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