Re: महाभारत में वर्णित कुछ श्राप
महाभारत में वर्णित कुछ श्राप
मांडव्य ऋषि द्वारा यमराज को श्राप
महाभारत में एक प्रसंग में मांडव्य नाम के ऋषि का वर्णन आता है। एक बार राजा ने न्याय करने में भूल कर दी और ऋषि मांडव्य को फांसी पर चढ़ाने का श्राप दे दिया। राजा के आदेश से ऋषि को फांसी पर लटका दिया गया। बहुत समय तक फांसी पर लटके रहने पर भी ऋषि के प्राण नही गए। राजा को अपनी भूल का अहसास हुआ तो उन्होंने ऋषि मांडव्य को फांसी नीचे उतरवा दिया तथा अपनी गलती की क्षमा मांगने लगे। इसके बाद ऋषि यमराज से मिलने गए और उनसे अपनी सजा का कारण पूछा। यमराज ने बताया कि आपने 12 वर्ष की आयु में एक छोटे से कीड़े की पूंछ में सीक चुभाई थी। जिस कारण आपको यह सजा भुगतनी पड़ी। तब ऋषि ने यमराज को कहा कि इस उम्र में किसी को भी धर्म और अधर्म का ज्ञान नही होता। परन्तु फिर भी आपने मुझे इसका दंड दिया। इसलिए मैं आपको श्राप देता हूँ कि आप विदुर के रूप में जन्म लेंगे।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 01-10-2018 at 11:13 PM.
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