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Old 06-10-2018, 10:25 PM   #10
rajnish manga
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Default Re: महाभारत के पात्र: कर्ण

महाभारत के पात्र: कर्ण

वनवास के पश्चात, पाँडवों के लौटने पर कृष्ण दुर्योधन से उनका राज्य लौटाने का अनुरोध ले कर आए। दुर्योधन के इंकार के पश्चात वे मेरे पास पहुँचें। एकांत मंत्रणा कक्ष में ऐसे रहस्य का अनावरण किया, जिसे जानने के लिए मैं तड़प रहा था। प्रथम बार मुझे अपने परिवार और माता-पिता का परिचय ज्ञात हुआ। सब इतने करीब हैं? मैं राजपुत्र सूर्य पुत्र हूँ? पर कभी किसी ने क्यों नहीं बताया? मेरे दुख और अपमान को बढ़ाते क्यों रहे? आज कान्हा युद्धगत नीतियों के कारण मेरा लाभ उठाने के लिए बताते हैं- मैं कुंती पुत्र हूँ। मेरे पिता सूर्य हैं। पाँच पांडव मेरे भाई हैं। अतः अब मुझे पाँडवों का, सत्य और धर्म का साथ देना चाहिए।
क्या मुझे दुर्योधन की मित्रता भूल नटवर, मनोहर कान्हा की बातें मान लेनी चाहिए? पर मैं आज भी दुर्योधन के ऋण से उऋणी नहीं हुआ हूँ। मेरे पीड़ा और अपमान के क्षणों के साक्षी कृष्ण पहले कहाँ थे? जब सब मेरा अपमान करते थे और मुझे लगता था सारी दुनिया को जला कर राख़ कर दूँ। तब उन्होंने धर्म और सत्य की चिंता क्यों नहीं की। आज मैं स्वार्थवश दुर्योधन को छोड़ दूँ, यह मुझसे नहीं होगा।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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