Re: पशु पक्षी और प्यार की देवी गीता रानी
गीता ने तरह-तरह की मुसीबतों और परेशानियों के बीच किसी तरह अपनी दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई पूरी कर ली थी। उन्होंने कोयम्बतूर के होम साइंस कॉलेज में बीकॉम कोर्स में दाख़िला भी ले लिए था, लेकिन घर के हालात इतने बुरे हो गए कि उन्हें डिग्री की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर नौकरी करनी पड़ी। गीता ने बतौर टेलीफोन ऑपरेटर काम करना शुरू किया। गीता की तनख्वाह से भी घर-परिवार की परेशानियाँ दूर नहीं हुईं।
इसी बीच उनकी शादी मनोहर से हुई, जोकि एक मामूली नौकरी करते थे। शादी के बाद जब मनोहर को अपनी पत्नी गीता के जानवरों और पक्षियों से प्रेम के बारे में पता चला तो वे भी दंग रह गए। उन्हें ये जानकर बहुत ही आश्चर्य हुआ कि उनकी पत्नी कुत्तों, बिल्लियों, कव्वों जैसे जानवरों के साथ खेलती-कूदती हैं और उन्हें हर रोज़ खाना देती हैं। पति ने गीता को ये सब बंद करने और अपने दफ्तर और घर-परिवार के काम पर ध्यान देने को कहा, लेकिन गीता का प्यार कुछ इस तरह परवान चढ़ चुका था कि वे अगर जानवरों और पक्षियों को छोड़ भी देतीं तो जानवर-पक्षी उनका साथ छोड़ने को तैयार नहीं थे।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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