Dr. Martin Luther King Jn.
Speech known as "I have a dream" delivered on August 28, 1963
प्रिय मित्रों ,
मैंने
मार्टिन लूथर किंग का ऐतिहासिक भाषण " I have a dream" , जिसने अमेरिका को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया , को हिंदी में translate किया है:
उम्मीद है आपको पसंद आएगा.
"मैं खुश हूँ कि मैं आज ऐसे मौके पे आपके साथ शामिल हूँ जो इस देश के इतिहास में स्वतंत्रता के लिए किये गए सबसे बड़े प्रदर्शन के रूप में जाना जायेगा......(
read full speech)
Regards,
Gopal
एडिट नोट:
ऊपर दिया गया link कहीं ले कर नहीं जाता. अतः हम यहाँ पाठकों के सम्मुख डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनि. के भाषण का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत कर रहे हैं:
मार्टिन लूथर किंग का ऐतिहासिक भाषण ”I have a dream“ अर्थात् “मेरा एक सपना है”
“मैं खुश हूँ कि मैं आज ऐसे मौके पे आपके साथ शामिल हूँ जो इस देश के इतिहास में स्वतंत्रता के लिए किये गए सबसे बड़े प्रदर्शन के रूप में जाना जायेगा.
सौ साल पहले, एक महान अमेरिकी, जिनकी प्रतीकात्मक छायामें हम सभी खड़े हैं, ने एक मुक्ति उद्घोषणा (Emancipation Proclamation) पर हस्ताक्षर किये थे. इस महत्त्वपूर्ण निर्णय ने अन्याय सह रहे लाखों गुलाम नीग्रोज़ के मन में उम्मीद की एक किरण जगा दी थी. यह ख़ुशी उनके लिए लम्बे समय तक अन्धकार कि कैद में रहने के बाद दिन के उजाले में जाने के समान था.
परन्तु आज सौ वर्षों बाद भी , नीग्रोज़ स्वतंत्र नहीं हैं. सौ साल बाद भी, एक नीग्रो की ज़िन्दगी अलगाव की हथकड़ी और भेद-भाव की जंजीरों से जकड़ी हुई हैं. सौ साल बाद भी नीग्रो समृद्धि के विशाल समुन्द्रके बीच गरीबी के एक द्वीप पर रहता है. सौ साल बाद भी नीग्रो, अमेरिकी समाज के कोनों में सड़ रहा है और अपने देश में हीखुदको निर्वासित पाता है. इसीलिए आज हम सभी यहाँ इस शर्मनाक स्थिति को दर्शाने के लिए इकठ्ठा हैं.
एक मायने में हम अपने देश की राजधानी में एक चेक कैश करने आये हैं.जब हमारे गणतंत्र के आर्किटेक्ट संविधान और स्वतंत्रता की घोषणा बड़े ही भव्य शब्दों में लिख रहे थे, तब दरअसल वे एक वचनपत्र पर हस्ताक्षर कर रहे थे जिसका हर एक अमेरिकी वारिस होने वाला था. यह पत्र एक वचन था की सभी व्यक्ति , हाँ सभी व्यक्ति चाहे काले हों या गोरे, सभी को जीवन, स्वाधीनता और अपनी प्रसन्नता के लिए अग्रसर रहने का अधिकार होगा.
आज यह स्पष्ट है कि अमेरिका अपने अश्वेत नागरिकों से यह वचन निभाने में चूक गया है. इस पवित्र दायित्व का सम्मान करने के बजाय, अमेरिका ने नीग्रो लोगों को एक फ़र्ज़ी दिया है, एक ऐसा चेक जिसपर “अपर्याप्त कोष” लिखकर वापस कर दिया गया है.लेकिन हम यह मानने से करने इंकार करते हैं कि न्याय का बैंक बैंकरप्ट हो चुका है. हम यह मानने से इनकार करते हैं कि इस देश में अवसर की महान तिजोरी में ‘अपर्याप्त कोष’ है.इसलिए हम इस चेक को कैश कराने आये हैं- एक ऐसा चेक जो मांगे जाने पर हमें धनोपार्जन की आज़ादी और न्याय की सुरक्षा देगा. >>>