11-03-2011, 02:41 PM
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#69
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Re: प्रेम, प्रणय और धोखा
रुलाने से पहले एक बार हंसाया तो होता ,
कसूर क्या है इस दिल का बताया तो होता ,
मिली सजा उस खता की जो न की कभी हमने ,
काश यह दिल कभी कहीं लगाया न होता !
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