फिल्म की जानकारी तो पहले से ही दी थी, और वैसे भी फिल्म का इतना प्रचार हुआ है, की फिल्म का नाम भी न सुना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. फिर भी अगर जानकारी नहीं है, तो
ये लिंक देखिये.
तो शुरुआत करते है, फिल्म की समीक्षा से. ये पूर्णतया मसाला फिल्म है, लेकिन उसके बाद भी, मैं दिल खोर कर फिल्म की तारीफ़ कर सकता हूँ. कारण साफ़ है, अगर आप UP, MP, या बिहार से है, तो ये फिल्म आपको अपने जाने पहचाने लोगो की याद जरूर दिलाएगी. फिल्म के एक एक सीन से उत्तर भारत की झलक मिलती है. वही जाना पहचाने चरित्र, वही संगीत, और वही संवाद, बिलकुल ऐसा महसूस होता है, जैसे फिल्म न देख कर अपने घर में होने वाली शादी का विडियो देख रहे हो. अगर आप को उत्तर भारत और वहाँ होने वाली शादियों की झलक चाहिए, तो ये फिल्म जरूर देखिये. फिल्म की कहानी और किरदार भी एकदम सटीक है, और संगीत तो पहले से ही धूम मचा रहा है.
फिल्म की खामियों की बात करे, तो सिर्फ एक ही समस्या मुझे लगी, वो ये, की फिल्म कुछ जरूरत से ज्यादा लंबी लगती है. आखरी आधा घंटा ऐसा लगता है, की फिल्म वही पुराने सास बहु के सीरियल जैसी हो गयी है. लेकिन शुरुआत के दो घंटे फिल्म कसी हुई पटकथा, और नियमित परिहास से समां बंधे रखती है.
अंत में सिर्फ इतना ही कहूँगा, आप रोमांटिक फिल्मो के शौक़ीन हो या नहीं, ये फिल्म एक बार जरूर देखिये. और अगर आप उत्तर भारत से है, तो ये फिल्म की डीवीडी आपके संग्रह में जरूर होनी चाहिए.