Re: कम हई महगाई हास्य व्यग कहानी
अब मैंने अपने ज्ञान का प्रसार सबको करने की सोची। सामने से शर्मा आंटी आती दिखाई दी। मैंने रसगुल्ला देते हुए कहा,”लीजिए मिठाई खाइए आंटी, महंगाई कम हो गई है।” आंटी ने पूछा- अरे पागल बाजार में आग लगी है, सब्जी-टमाटर पहुंच के बाहर हैं, फलों का नाम लेने पर भी पैसा लग जाता है और तू कह रहा है महंगाई कम हो गई। मैं समझाते हुए बोला- “देखिए, अखबार में लिखा है फूड इन्फ्लेशन रेट कम हो गई मतलब यही हुआ न कि महंगाई कम हो गई।” आंटी चकराकर बोली- “ये फूड इन्फ्लेशन रेट क्या बला है।” मैंने चौंकते हुए पूछा,”आपको फूड इन्फ्लेशन रेट नहीं पता। आज नारी सशक्तिकरण का जमाना है। ग्लोबलाइजेशन है। नारी ज्ञान देने वाली है, पढ़ाई और नौकरियों में नारी ही आगे है और आप पूछ रही हैं फूड इन्फ्लेशन रेट क्या है? आप आधुनिक नारी नहीं हैं, तभी तो इस मोहल्ले में आपकी बखत नहीं है। २ साल पहले ही मोहल्ले में आई सोफिया आंटी आपसे ज्यादा आधुनिक और एजुकेटड हैं।” अब आंटी की “इमेज” का सवाल था। वह बोली- “जानती हूं ना। मैं तो ऐसे ही पूछ रही थी।” मैंने कहा- तो अब आप मानती हैं न कि फूड इन्फ्लेशन रेट १६.९० से १२.९२ पर आ गया, मतलब महंगाई कम हुई ना। तो फिर जाइए जश्न मनाइए। पकवान बनाइए, दोपहर के खाने के लिए मुझे आमंत्रित कीजिए क्योंकि मैंने ही आपको ये खुशखबरी दी है और आधुनिकता का पाठ भी पढ़ाया है।
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