Re: मेरे कुछ अजीब तजुर्बे (१) h.t.m.l
पर फिलहाल हमरे फोरम को रोटी कपड़ा वही देते रहे हैं सो कसमसा कर झेलते रहे उनकी पिंगल ! करइ बिचार करौं का भाई की तर्ज़ पर मेरा सोच विचार दो तीन दिन चलता रहा फिर तय किया कि अपना स्वयं का डोमेन होना चाहिये। सो, पड़ताल में लग गया
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