Re: शास्त्रोक्त संस्कार (आचार संहिता)
वस्त्र
विद्वान पुरुष धोबी के धोये हुए वस्त्र को अ शुःद्ध मानते हैं॥
वस्त्र के उपर जल छिडककर ही उसे पहनना चाहीये॥
पुराने और मैले वस्त्र नहीं पहनने चाहीये.
भिगे वस्त्र तो कभी नहीं पहनने चाहीये॥
सोनेकेलिये दुसरा वस्त्र होना चाहीये, सडकपर घुमनेके लिये दुसरा वस्त्र, और देव कार्यके लिये दुसरा
वस्त्र हि धारण करना चाहीये.
नील मे रंगा हुवा वस्त्र दूर से ही त्याग देना चाहीये.
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==========हारना मैने कभी सिखा नही और जीत कभी मेरी हुई नही ।==========
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