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Originally Posted by sikandar
हमसफर जी
1. मै आपसे व्यक्तिगत तौर पर नही मिला हूँ |
2. आपसे मेरी फोन पर कई बार बात हुई है
जब मैने आपको झांसी स्टेशन पर मिलने के लिए बुलाया था लेकिन आप नही आए और फोन भी नही उठा रहे थे तब मुझे कुछ अजीब लगा की जो फोन पर इतनी बात कर सकता है
आज उन्होने मुझे धोखा दिया (ये मेरे विचार हैँ )
3. जितना मै आपको जान पाया हूँ आप बहुत जल्द उत्तेजित हो जाते हो |
अपनी मनपसंद बात मनवाने के लिए हट करना| आप किसी भी काम को सिर्फ नाम के लिए करना चाहते हो |
वादा खिलाफी जो शायद सिर्फ मेरे साथ हुई हो |
4. आपके सूत्रोँ या उनके विषय से मुझे कोई आपत्ति नही है आपके द्वारा बनाए गए सूत्र , प्रविष्टियां फोरम के हित मे हैँ |
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हाँ अब आप खुल कर आये हैं धन्यवाद इसके लिए..
१) आपने जो कहा हे की आप मेरे शहर आये थे और आपने स्टेसन से मुझे फोन किया था और में नहीं आया. इसका कारन भी हो सकता है. इसी बात पर गौरव से भी मेरी बात हुयी थी की मैं क्यों नहीं आया . देखिये सिकंदर जी अगले पल क्या होने वाला है ये यदि इंसान जान जाये तो वह ही भगवान् न बन जाये. मित्र सिकंदर इस बात को आप इस तरह देखें की एषा वाक्य आपके साथ भी घटित हुआ होगा. कई बार आदमी कहकर पूरा नहीं कर पता , इसके लिए वह कुछ नहीं कह सकता. पर वह ये जरूर सोचता होगा की इस बात से दूसरा मेरे बारे में क्या सोचता होगा.
२) आपने ये कहा की में उत्तेजित हो जाता हूँ. ...
इस बारे में ..
सबसे पहले तो ये कहना चाहता हूँ. की में फोरम पे जादा से जादा पोस्टिंग करने की कोशिश करता हूँ और अधिकतर समय में पोस्टिंग पर ही ध्यान देता हूँ. तो में ऐसे में किसी से क्या वार्तालाप करूँगा , समय ही नहीं मिलेगा ..
पर इसी बीच कोई आकर कुछ अर्गल वार्तालाप करदे तो तनिक नाराज़गी होती हे !
आप या कोई भी कोई कार्य करें और बिना सोचे समझे कोई अर्गल बात कर दे ...
हां ये बात सही है की मैं तेज़ चलता हूँ. इस बात को आप इस तरह ले की आप हाई वे पर गाड़ी चला रहे हो और एक आदमी गलत तरीके से ओवरटेक कर दे...
३) रही वात नाम की तो, भाई कोण एषा हे जो बेनाम काम करता हे.. भाई कोई नाम के लिए तो कोई दाम के लिए . भाई आदमी दान भी करता हे तो ये सोच कर करता हे की भगवान् इस बात से खुश हो कर मुझे कुछ और दे दे...
क्या आप मेरे स्पस्तीकरण के बाद कुछ और कहना चाहते हें तो लिखे..
और हाँ वोट जरूर करे...
धन्यवाद
सिकंदर भाई !
(हमसफ़र)