Re: जीके का महा संग्राम
सांपों के विषय में अनेक किंवदंतियां प्रचलित हैं। सबसे अधिक प्रचलित किंवदंति यह है कि सांप बदला लेते हैं। लोग मानते हैं कि यदि आप किसी सांप को मार डालेंगे तो उसकी मादा आपको अवश्य काटेगी। यह सच नहीं है। बदला लेने की भावना सिर्फ मनुष्य में पाई जाती है।
सपेरे ने अपनी बीन को लेकर एक और किंवदंती गढ़ रखी है। तमाशाबीन सोचते हैं कि सांप सपेरे की बीन के स्वरों पर थिरकता है। लेकिन सांप के तो कान ही नहीं होते और वे सुन ही नहीं सकते। नाग का डोलना बीन की गति के प्रति उसकी प्रतिक्रिया है, आवाज के प्रति नहीं।
प्रचलित विश्वास के विपरीत नाग के सिर पर कोई मणि नहीं होता। यदि होता तो सपेरे कंगाल क्यों होते, वे राजा-महाराजा के समान धनवान न हो गए होते?
सांपों को लेकर और भी अनेक किंवदंतियां बढ़ा-चढ़ाकर कही गई हैं, जिनका कोई आधार नहीं। कदाचित सांप विश्व में सर्वाधिक गलत समझे जानेवाले प्राणी हैं। सच तो यह है कि सांप मनुष्यों के सच्चे मित्र हैं जो प्रतिवर्ष अनाज का लगभग 20 प्रतिशत नष्ट करनेवाले और प्लेग जैसी भयंकर बीमारियां फैलानेवाले चूहों को खाकर हमारा बड़ा उपकार करते हैं।
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