नेत्रदान कुछ तथ्य
*मरणोपरांत ही नेत्रदान होता है।
* केवल पुतली निकाली जाती है।
*चेहरा खराब नहीं लगता है।
*पुतली निकालने में 10 मिनट ही लगते हैं।
*डॉक्टर मृतक के घर बिना फीस पहुंचते हैं।
*एक दानदाता दो को दृष्टिï देता है।
*जन्मजात शिशु का भी नेत्रदान संभव है।
*मृत्यु के बाद 6 घटें तक नेत्रदान हो सकता है।
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अच्छा वक्ता बनना है तो अच्छे श्रोता बनो,
अच्छा लेखक बनना है तो अच्छे पाठक बनो,
अच्छा गुरू बनना है तो अच्छे शिष्य बनो,
अच्छा राजा बनना है तो अच्छा नागरिक बनो
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