रक्तदान क्यों करें?
खून वह सजीव द्रव्य है जिसपर सारा जीवन टिका होता है। इसका 60 फीसदी द्रव्य और 40 फीसदी ठोस होता है। द्रव्य को प्लाज्मा कहते हैं जिसमें 90 फीसदी पानी और 10 फीसदी पोषक तत्व, हार्मोन इत्यादि होते हैं और यह भोजन दवाओं आदि से काफी जल्दी बन जाता है। लेकिन खून का ठोस हिस्सा, जिसमें आरबीसी, डब्लूबीसी और प्लैटेलेट होते हैं, उसे दोबारा बनने में काफी वक्त लगता है।
यहीं पर आपकी भूमिका बनती है। जितना समय एक मरीज को इन तत्वों को वापस पाने में लगेगा, उसमें उसकी जान जा सकती है। कभी-कभार शरीर इन्हें वापस लाने की स्थिति में भी नहीं रहता।
आप जानते हैं कि खून पैदा नहीं किया जा सकता, सिर्फ उसका दान संभव है। यानी सिर्फ आप उस व्यक्ति को बचा सकते हैं जिसे खून की जरूरत है।
हर साल भारत को 250 सीसी खून के 4 करोड़ यूनिट की जरूरत होती है जिसमें से सिर्फ 500,000 यूनिट ही उपलब्ध है।
Last edited by jalwa; 02-11-2010 at 11:47 PM.
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