Re: एलियंस
रातों रात रूस के एक बड़े राजनेता के गायब हो जाने से उनका ऑफिस परेशान था। लेकिन अचानक जब किरसान वापस अपने कमरे में आ गए तो सभी हैरान थे। उनका ड्राइवर औऱ एसिसटेंट पहले ही कमरे की पूरी तालाशी ले चुका था। लेकिन तब किरसान नहीं मिले थे।
यही नहीं अगर वैज्ञानिकों के दावे को मानें तो नासा का मानव रहित खोजी यान भी अब एलियंस के कब्जे में है। खोजी यान वायजर 2 धरती पर अजीबो-गरीब संदेश भेज रहा है। वैज्ञानिक उलझी हुई गुत्थी को सुलझाने की कोशिश तो कर रहे हैं लेकिन परत दर-परत उलझता ही जा रहा है।
वैज्ञानिकों की मानें तो नासा के एक अंतरिक्ष यान का अपहरण कर लिया गया है और धरती पर संपर्क बनाने के लिए इस यान का इस्तेमाल कर रहे हैं एलियंस। मानव रहित खोजी यान वायजर 2 धरती पर अजीबों-गरीब संदेश भेज रहा है। 22 अप्रैल 2010 से भेजी जा रही सारी जानकारी अचानक बदल जाती हैं जबकि यान 1977 से अंतरिक्ष में हैं। जर्मन वैज्ञानिक हार्टविग हॉसडॉर्फ का कहना है कि अजीब संदेश इसलिए आ रहे हैं कि क्योंकि यान पर अंतरिक्ष में रहनेवाले प्राणियों ने कब्जा कर लिया है।
जर्मन वैज्ञानिकों का ये भी दावा है कि खोजी यान को रीप्रोग्राम कर दिया गया है यानी यान पर पूरी तरहे से एलियंस का कब्जा है। लेकिन नासा इस दावे को मामने से इनकार कर रहा है। वैज्ञानिकों ने पूरी सच्चाई जानने के लिए एक टाइम कैप्सूल भी भेजा है ताकि उनकी दास्तान हम सुन सके।
मालूम हो कि अमेरिका ने 1972 के बाद से आज तक चांद पर कोई भी नया मिशन नहीं भेजा। आखिर क्या वजह हो सकती है इसकी। तब से आज की स्थिति में बहुत बदलाव हो चुके हैं। तकनीक तब से काफी बेहतर हो चुकी है। लेकिन इसके बावजूद आखिर क्यों नहीं भेजा अमेरिका ने कोई नया मिशन। कुछ लोग इसकी एक वजह चांद पर एलियन की मौजूदगी को भी बताते हैं।
गौरतलब है कि पहली बार जब अपोलो ने कदम रखा चांद पर तो क्या वहां कोई उसे देख रहा था। जो पहले से था चांद पर मौजूद। क्या उसे इंसानों का चांद पर आना नागवार गुजरा। क्या नील आर्मस्ट्रांग, एडविन एल्ड्रिन और माइकल कोलिंस जब चांद पर उतरे तो कोई क्या वो वाकई अकेले थे या फिर पहाड़ों के पीछे से पथरीली निगाहें इंसान की इस हिमाकत को घूर रहीं थीं?
अपोलो-11 को मिली तस्वीर से पता चलता है कि एक उड़नतश्तरी हर वक्त पहली बार चंद्रमा की धरती पर कदम रखने वाले अंतरिक्षयात्रियों पर नजर रख रही थी। लेकिन रूसी अखबार प्रावदा में छपी खबर के मुताबिक अपोलो 11 के चांद पर उतरने से पहले ही चांद पर एलियन्स कब्जा कर चुके थे।
दरअसल इस बात को सबसे पहले उठाया रूस के सेंट्रल टेलीविजन चैनल आरटीआर ने। इस चैनल पर हाल ही में एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। इस डॉक्यूमेंट्री में चांद पर उतरने वाले अमेरिकी अंतरिक्षयात्रियों के हवाले से बताया गया कि वो जब चांद पर पहुंचे तो अकेले नहीं थे। डॉक्यूमेंट्री के मुताबिक अपोलो अंतरिक्षयात्री जब चांद पर पहुंचे तो वहां कई यूएफओ और एलियन्स मौजूद थे।
प्रावदा ने अपनी खबर में लिखा कि चांद पर एलियन्स की बस्तियां थीं, जिसका इस्तेमाल वो पृथ्वी पर नजर रखने के लिए करते थे। लेकिन जब पृथ्वी के लोग चांद पर जा पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद दूसरी दुनिया के लोगों को ये अच्छा नहीं लगा।
प्रावदा की खबर के मुताबिक चांद पर एलियन्स की मौजूदगी की खबर अंतरिक्षयात्रियों ने नासा कंट्रोल रूम को भी बताई और उनकी तस्वीरें भी भेजीं। लेकिन सरकार ने बेहद गोपनीयता बरतते हुए एलियन्स के सिलसिले में कंट्रोल रूम से अंतरिक्षयात्रियों की बातचीत और सभी फिल्में नष्ट करवा दीं।
यही नहीं, प्रावदा का दावा है कि नासा के आर्काइव में इंसान की पहली चांद यात्रा अपोलो 11 से संबंधित कंट्रोल रूम से बातचीत का ऑडियो और मिशन का वीडियो नहीं है। इस बारे में नासा अधिकारियों का कहना है कि ये सारी चीजें चोरी हो गई हैं। हैरानी की बात है। अमेरिका के सबसे बड़े मिशन के सारे सबूत खो गए।
प्रावदा ने लिखा कि चांद पर मौजूद एलियन्स ने अपोलो-11 और उसके बाद से सभी सातों मिशन्स का विरोध किया। अंतरिक्षयात्रियों ने चांद पर हुए एलियन अनुभवों को बताया लेकिन नासा ने उन्हें दबा दिया। प्रावदा के मुताबिक एलियन्स के दबाव में आकर ही अमेरिकी सरकार को अपोलो -17 के बाद के तीन और मिशन्स अपोलो-18,19 और 20 रद्द कर देने पड़े थे। तो क्या यही वजह है कि चांद पर फिर कोई मानव मिशन नहीं भेजा गया। इस सवाल का जवाब नासा कभी नहीं देना चाहता।
|