Re: सप्ताह के व्रत-त्यौहार
Size=4]व्रत की कथा [/size]
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प्राचीन काल मैं नर्मदा नदी के किनारे बसे राज्य मैं राजा मान्धाता राज्य करते थे.
वे जंगल मैं तपस्या कर रहे थे , उसी समय एक भालू आया और उनके पैर खाने लगा.
राजा तपस्या करते रहे.
उन्होंने ना तो भालू पे क्रोध किया और ना ही उसके साथ हिंसा की.
दर्द जब असहनीय हो गया तो उन्होंने भगवान बिष्णु से गुहार लगाई.
भगवान बिष्णु ने वहा उपस्थित होके उनकी रक्षा की.
पर भालू द्वारा अपने पैर खा लिए जाने से राजा बहुत दुखी थे.
भगवान ने कहा- हे राजा तुम दुखी मत हो. भालू ने जो किया वो तुम्हारे पिछले जन्म के बुरे कर्मो का फल था.
तुम मथुरा जाओ और वरूथिनी एकादशी का व्रत करो, तुम्हारे पिछले सारे पाप खत्म हो जायेगे.
राजा ने वैसा ही किया.
राजा के पैर ठीक हो गए,
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किसी की आलोचना मत करो. बस उसके विचारों से कुछ फायदा उठायो.हर बेकार चीज़ मैं भी एक कार छुपी है.
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