Quote:
Originally Posted by bhaaiijee
मेरा जन्म दिन मनाईये , शौक से ऐ दुश्मनों !
आखिर मेरी ज़िन्दगी से एक साल कम हुआ है /
खुश हो लो 'जय' , शोहरत से मेरी जलने वालों
आखिर तुम्हारे नाम से गुमनाम कम हुआ है //
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जन्म दिन मनाएंगे दुश्मन कैसे ?
जब दोस्त ही दोस्त हों महफ़िल में सिर्फ .
हुआ दोस्त जिसका हमारे जैसा...
फिर उसे दुश्मनों की क्या कमी है?
दादा, प्रणाम.
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अच्छा वक्ता बनना है तो अच्छे श्रोता बनो,
अच्छा लेखक बनना है तो अच्छे पाठक बनो,
अच्छा गुरू बनना है तो अच्छे शिष्य बनो,
अच्छा राजा बनना है तो अच्छा नागरिक बनो
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