Quote:
Originally Posted by amit_tiwari
@अभिषेक भाई: हम्म तभी हम कहें विचार इतने मिलते जुलते काहे हैं | कालेज वाली कुंडली नब्बे पच्चानबे परसेंट मिलती है |
|
क्या बात है.... कॉलेज में इतने कांड किये है की .. पूछिए मत.. वो कहते है ४ साल में जो ज़िन्दगी का मजा लुटा है.. वो शायद फिर मुस्किल से ही मिले..