Re: फोरम डायरी
13 /05 /2011
आज का दिन ये सूत्र का आगाज है
अपने सारे दिन की कुछ शब्दो मे व्याख्या शाम ही कर पाऊँगा
लेकिन हाँ कल के दिन के खास कर शाम बडी निराली थी जब हम दीपू जी के सूत्र सलाम बुक मे अपने अपने बारे मे देखा
और दा रॉयल जी का एक सूत्र नाम याद नही आ रहा बो भी बहुत रोमानचित कर देने बाला था
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Gaurav kumar Gaurav
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