मौलिकता आती है मातृभाषा से आप खुद के ऊपर प्रयोग कर के देखिएगा | अंग्रेजी या विदेशी भाषा में हम केवल Copy Pasting कर सकते है | और मातृभाषा छोड़ के हम अंग्रेजी के पीछे पड़े हैं तो मैं आपको बता दूँ क़ि अंग्रेजी में हमें छः गुना ज्यादा मेहनत लगता है | हम लोगों ने बचपन में पहाडा याद किया था गणित में आपने भी किया होगा और मुझे विश्वास है क़ि वो आपको आज भी याद होगा लेकिन हमारे बच्चे क्या पढ़ रहे हैं आज भारत में वो पहाडा नहीं टेबल याद कर रहे हैं | और मैं आपको ये बता दूँ क़ि इनका जो टेबल है वो कभी भी इनके लिए फायदेमंद नहीं हो सकता | जो पढाई हम B.Tech या MBBS की करते हैं अगर वो हमारी मातृभाषा में हो जाये तो हमारे यहाँ विद्यार्थियों को छः गुना कम समय लगेगा मतलब M .Tech तक की पढाई हम 4 साल तक पूरा कर लेंगे और वैसे ही MBBS में भी हमें आधा वक़्त लगेगा | इस विदेशी भाषा से हम हमेशा पिछलग्गू ही बन के रहेंगे | दुनिया का इतिहास उठा के आप देख लीजिये, वही देश दुनिया में विकसित हैं जिन्होंने अपनी मातृभाषा का उपयोग अपने पढाई लिखाई में किया |