Re: राजस्थान का शौर्यपूर्ण इतिहास : एक परिचय
है। जैकेसन ने सर्वप्रथम गुर्जरों से अग्निवंशी राजपूतों की उत्पत्ति बतलाई है। पंजाब तथा खानदेश के गुर्जरों के उपनाम पँवार तथा चौहान पाये जाते हैं। यदि प्रतिहार व सोलंकी स्वयं गुर्जर न भी हों तो वे उस विदेशी दल में भारत आये जिसका नेतृत्व गुर्जर कर रहे थे।
सी० वी० वैद्य विदेशी उत्पत्ति को अस्वीकार करते हुए राजपूतों की वैदिक आर्यों से उत्पत्ति मानते हैं। इसके लिये वे पहला तर्क देते हैं कि केवल वैदिक आर्यों की संतान ही अपने धर्म की रक्षार्थ विदेशी आक्रांकाओं से युद्ध कर सकते थे। दूसरा तर्क यह है कि राजपूतों की सूर्य अवं चंद्रवंशीय होने की परम्परा उन्हें उन दो तथ्यों आर्यों के दलों का वंशज सिद्ध करता है जिन्होंने मध्य एशिया से भारत में प्रवेश किया। तीसरा तर्क १९०१ में हुई भारत की जनगणना से राजपूतों का आर्य वंश का होना प्रकट होता है ।
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो '
आपका दोस्त पंकज
|